योगी सरकार ने इस साल मदरसों में 15 अगस्त का जश्न पूरे उत्साह के साथ मनाने का आदेश दिया था। झंडारोहण से लेकर राष्ट्रगान और मदरसों में होने वाले आयोजन की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने की विस्तृत गाइड लाइन जारी की गई थी। 15 अगस्त को मदरसों में इसका पालन भी बखूबी हुआ। शहर में करीब 150 मदरसे हैं लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि अब तक केवल 14 मदरसों ने ही अपनी यहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स की रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सौंपी है। जबकि, जिले में 150 मदरसे हैं और इनमें से 92 मदरसे अनुदानित हैं।
इसके अलावा, 23 एडेड (सहायता प्राप्त) मदरसे हैं। 15 अगस्त के लिए आए योगी सरकार के फरमान के विरोध के बावजूद मदरसों में पूरे उत्साह के साथ आजादी का जश्न मनाया गया। दो सप्ताह से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद अब तक केवल 14 मदरसों ने ही अपनी रिपोर्ट जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई है जबकि सभी मदरसों की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है। इसे लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी विजय प्रताप यादव ने सभी मदरसों को रिमाइंडर भेजा है। सभी मदरसा प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों की 30 अगस्त को बैठक बुलाई है और इस बैठक में 15 अगस्त की रिपोर्ट लाने के निर्देश दिए गए हैं। मदरसा रजिस्ट्रार की ओर से जारी किए गए शासनादेश में 15 अगस्त की रिपोर्ट न देने पर कार्रवाई का जिक्र नहीं है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जो मदरसे अपनी रिपोर्ट नहीं देंगे या जिन मदरसों में निर्धारित प्रक्रिया के तहत आयोजन नहीं हुए, उनके खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर से तय की जाएगी। फिलहाल जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मदरसों से मिलने वाली रिपोर्ट को रजिस्ट्रार के पास भेजेंगे।